India News (इंडिया न्यूज़),Uttarakhand: उत्तराखंड में 206 सदानीरा नदियां और गदेरे सूखने के कगार पर पहुंच गए हैं। बदलते मौसम चक्र, जलवायु परिवर्तन और मानवीय दखल से प्रदेश की 206 सदानीरा नदियां और गदेरे सूखने के कगार पर हैं। आपको बता दें कि प्रदेश के 5428 जलस्रोतों पर संकट मंडरा रहा है। स्प्रिंग एंड रिजुविनेशन अथॉरिटी (सारा) की टीम ने यह फैक्ट साझा किया है।
नदियों पर काम शुरू होगा
आपको बता दें कि नदियों की इस हालत के लिए प्रकृति कम मानवीय हस्ताक्षेप अधिक जिम्मेदार हैं। सारा ने चिह्नित नदियों में से 5 को पुनर्जीवित करने के लिए पायलट प्रोजेक्ट तैयार किया है। इसके तहत एनआईएच और IIT रुड़की को अध्ययन का काम सौंपा गया है। इसके बाद अन्य नदियों पर काम शुरू होगा।
अस्तित्व खत्म हो जाएगा
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि जलसंस्थान के आंकड़े बताते हैं कि राज्य में 288 जल स्रोत ऐसे हैं जिनका पानी 50% से भी कम रह गया है। लगभग 50 स्रोतों में 75% से भी कम पानी बचा है। काफी संख्या में ऐसे भी स्रोत हैं जो करीब-करीब सूख चुके हैं। बहुत जल्द इंतजाम नहीं हुए तो इनका अस्तित्व समाप्त हो जाएगा।
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