India News (इंडिया न्यूज),Uttarakhand Cyber Crime: उत्तराखंड में साइबर अपराध तेजी से बढ़ रहा है, जिससे सरकार और जनता दोनों की चिंताएं बढ़ गई हैं। हालिया आंकड़ों के अनुसार, इस साल अब तक राज्य में 133 करोड़ रुपये की ठगी हो चुकी है, जो प्रतिदिन औसतन 46 लाख रुपये के नुकसान के बराबर है। साइबर अपराध की इस बढ़ती दर ने प्रदेश की साइबर सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

हेल्पलाइन ने बचाए करोड़ों

उत्तराखंड सरकार ने तीन साल पहले ‘साइबर वित्तीय हेल्पलाइन 1930’ की स्थापना की थी, ताकि लोगों को ठगी से बचाया जा सके। इस साल हेल्पलाइन पर 19 हजार से अधिक शिकायतें दर्ज हुई हैं। हालांकि, ठगी की वास्तविक संख्या इससे कहीं अधिक हो सकती है क्योंकि कई शिकायतें सीधे थानों या साइबर सेल में दर्ज होती हैं। जनवरी से अब तक हेल्पलाइन के माध्यम से 24 करोड़ रुपये की ठगी रोकी जा चुकी है, लेकिन साइबर ठगों के नित नए तरीकों के कारण समस्या कम होने का नाम नहीं ले रही।

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निवेश धोखाधड़ी और डिजिटल गिरफ्तारी सबसे बड़ी समस्या

राज्य में सबसे अधिक ठगी के मामले डिजिटल गिरफ्तारी और निवेश धोखाधड़ी से जुड़े हुए हैं। देहरादून साइबर थाने में 10 लाख रुपये से अधिक की ठगी के 76 मामले दर्ज हुए हैं, जिनमें अधिकांश इसी प्रकार की धोखाधड़ी से संबंधित हैं। साइबर ठग लोगों की गाढ़ी कमाई को निशाना बना रहे हैं और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स का गलत उपयोग कर रहे हैं।

जागरूकता ही है एकमात्र उपाय

देशभर में भी साइबर ठगी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। हर दिन देश में 100 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी की जा रही है, जिनमें अधिकांश धनराशि विदेशों, विशेष रूप से चीन के ठगों को भेजी जा रही है। ऐसे में साइबर अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए जागरूकता बढ़ाना ही एकमात्र समाधान है। एसटीएफ और साइबर थाना पुलिस लगातार जागरूकता अभियान चला रही हैं और हेल्पलाइन 1930 के बारे में प्रचार-प्रसार कर रही हैं, ताकि लोग समय पर सतर्क हो सकें और अपनी धनराशि को सुरक्षित रख सकें।

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