India News(इंडिया न्यूज),Earthquake In Uttrakhand: उत्तराखंड में एक बार फिर धरती हिली है। इस भूकंप के झटके उत्तरकाशी के सिल्क्यारा इलाके में भी महसूस किये गये। यह वही इलाका है जहां सुरंग में 40 मजदूर फंसे हुए हैं और उन्हें बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक, इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.1 मापी गई है। एनसीएस के मुताबिक, उत्तरकाशी में यह भूकंप देर रात 02:02 मिनट 10 सेकेंड पर आया। इसका केंद्र जमीन के अंदर पांच किलोमीटर गहराई में था।
इससे पहले जब दिल्ली में भूकंप के झटके आए थे तो ये झटके उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में भी महसूस किए गए थे। इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 5.6 मापी गई। भूकंप का केंद्र भी नेपाल ही था।
देहरादून से नेपाल तक जमीन में ऊर्जा का भंडार
वैज्ञानिक दृष्टि से समझने के लिए हमें पृथ्वी की संरचना को समझना होगा। पृथ्वी टेक्टोनिक प्लेटों पर स्थित है। इसके नीचे तरल लावा है और इस पर टेक्टोनिक प्लेटें तैरती हैं। कई बार ये प्लेटें आपस में टकरा जाती हैं। बार-बार टकराने से कई बार प्लेटों के कोने मुड़ जाते हैं और ज्यादा दबाव पड़ने पर ये प्लेटें टूटने लगती हैं। ऐसे में नीचे से आने वाली ऊर्जा बाहर निकलने का रास्ता ढूंढ लेती है। जब यह विक्षोभ पैदा करता है तो भूकंप आता है।
इस तरह मापी जाती है तीव्रता
भूकंप को रिक्टर पैमाने पर मापा जाता है। रिक्टर स्केल भूकंप तरंगों की तीव्रता मापने का एक गणितीय पैमाना है, इसे रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल कहा जाता है। रिक्टर पैमाने पर भूकंप को इसके केंद्र यानी एपीसेंटर से 1 से 9 तक मापा जाता है। यह पैमाना भूकंप के दौरान पृथ्वी के भीतर से निकलने वाली ऊर्जा के आधार पर तीव्रता मापता है।
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