India News (इंडिया न्यूज), Uttarakhand News: उत्तराखंड के बागेश्वर जिले में इंसानियत को झकझोर देने वाला मामला सामने आया है। ठाकुरद्वारा क्षेत्र में एक मां ने अपनी नवजात बेटी को पॉलीथिन में लपेटकर झाड़ियों में फेंक दिया। इस घटना ने समाज में मां की ममता और माता-पिता के कर्तव्य पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

 

मंदिर के पुजारी ने बच्ची को पॉलीथिन में लिपटा पाया

घटना उस समय सामने आई, जब नरसिंह मंदिर के पास स्थानीय लोगों को एक बच्ची के रोने की आवाज सुनाई दी। पहले तो लोगों ने सोचा कि आवाज आसपास के किसी घर से आ रही है, लेकिन जब आवाज तेज हुई, तो मंदिर के पुजारी राकेश तिवारी, आनंद मेहरा और रमेश तिवारी ने झाड़ियों में जाकर देखा। वहां उन्होंने एक बच्ची को पॉलीथिन में लिपटा हुआ पाया।

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बच्ची लगभग छह दिन की

रमेश तिवारी ने तुरंत पुलिस को सूचना दी और बच्ची को अपने घर ले जाकर दूध पिलाया। इस बीच, बच्ची को देखने के लिए लोगों की भीड़ जमा हो गई। हर कोई बच्ची को झाड़ियों में फेंकने वालों को कोस रहा था।पुलिस के पहुंचने पर बच्ची को संरक्षण में लेकर जिला अस्पताल भेजा गया। डॉक्टरों ने बताया कि बच्ची लगभग छह दिन की है और उसे ठंड से बचाने की जरूरत है। फिलहाल बच्ची स्वस्थ है और उसे बेबी वार्ड में रखा गया है।

 

जांच में जुटी पुलिस

इस घटना ने समाज में बेटियों के प्रति नकारात्मक सोच को उजागर किया है। ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ जैसे अभियानों के बावजूद ऐसी घटनाएं समाज पर काले धब्बे की तरह हैं। पुलिस अब मामले की जांच कर रही है और बच्ची के जन्मदाताओं का पता लगाने की कोशिश कर रही है।

 

गोद लेने के लिए पहुंचे लोग

इस बीच, बच्ची को गोद लेने के लिए कई लोग अस्पताल पहुंचे हैं। यह घटना न केवल कानून और मानवता के प्रति गंभीर प्रश्न उठाती है, बल्कि यह भी बताती है कि समाज में संवेदनशीलता और जागरूकता बढ़ाने की कितनी जरूरत है।

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