India News (इंडिया न्यूज),Uttarakhand News: उत्तराखंड में सड़क हादसों की बढ़ती घटनाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने गंभीर रुख अपनाया है। राज्य सरकार को इन हादसों की विस्तृत जांच रिपोर्ट 15 दिसंबर तक प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट की कमेटी ऑन रोड सेफ्टी के सचिव संजय मित्तल ने राज्य की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी को पत्र लिखकर हादसों के कारणों और नियंत्रण के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी मांगी है।

बढ़ते सड़क हादसों से परेशान राज्य

हाल ही में देहरादून के ओएनजीसी चौक पर एक इनोवा कार दुर्घटना में छह युवाओं की मौत ने राज्य को झकझोर दिया। इस घटना का मुख्य कारण पुलिस की रात्रि चेकिंग में लापरवाही बताया जा रहा है। कार लगभग 180 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही थी और पांच पुलिस बैरियर पार करने के बावजूद कहीं रोकी नहीं गई। तेज गति से कंटेनर से टकराने के बाद कार के परखच्चे उड़ गए और उसमें सवार युवाओं के शव बुरी तरह क्षत-विक्षत हो गए।

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खाई में बस के गिरने से 38 यात्रियों की मौत

इसके अलावा, अल्मोड़ा जिले के मार्चुला क्षेत्र में ओवरलोड बस खाई में गिरने से 38 यात्रियों की दर्दनाक मौत ने भी चिंता बढ़ा दी है। इस घटना के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दो एआरटीओ को निलंबित किया, लेकिन हादसे के कारणों पर ठोस निष्कर्ष अब तक नहीं निकला है। सुप्रीम कोर्ट की कमेटी ने राज्य में वाहनों की बेलगाम गति, ओवरलोडिंग और प्रवर्तन एजेंसियों की चेकिंग में लापरवाही पर सवाल उठाए हैं। अब मुख्य सचिव ने परिवहन सचिव बृजेश संत को इन घटनाओं पर विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने का आदेश दिया है। राज्य में बढ़ते हादसों ने सुरक्षा उपायों और प्रवर्तन एजेंसियों की जिम्मेदारी पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

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