India News (इंडिया न्यूज़),Uttarakhand News: उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले के बाल विकास विभाग के अधिकारियों की तत्परता ने चार नाबालिग लड़कियों की शादी रुकवा दी। अधिकारियों ने यहां बताया कि शुक्रवार को रुद्रप्रयाग के जखोली तहसील के घंघासू-बगड़ क्षेत्र में गई बाल विकास विभाग की टीम ने 15 से 17 साल की इन लड़कियों के परिजनों को फिलहाल इनकी शादी न करने के लिए राजी किया। इन सभी लड़कियों की शादी अगले महीने यानी फरवरी में होनी थी।

लड़कियों की शादी की शिकायत मिली थी

बाल विकास विभाग को चाइल्ड हेल्पलाइन के जरिए लड़कियों की शादी की शिकायत मिली थी। रुद्रप्रयाग के बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी अखिलेश मिश्रा ने बताया कि शिकायत मिलने के बाद टीम ने पूरे क्षेत्र के स्कूलों में पढ़ने वाली किशोरियों की काउंसलिंग की, जिसमें पता चला कि उच्छोला गांव के तीन परिवारों की नाबालिग लड़कियों की शादी अगले महीने होनी थी।

सूचना मिलते ही विभाग की टीम गांव पहुंची

अखिलेश मिश्रा ने बताया कि सूचना मिलते ही विभाग की टीम उच्छोला गांव पहुंची जहां तीनों लड़कियों के परिजनों को फिलहाल इनकी शादी न करने के लिए राजी किया गया। दो बेटियों के पिता ने कहा- साहब मुझसे गलती हो गई। अब मैं अपनी दोनों बेटियों को विदा नहीं करूंगा। उन्होंने बताया कि लड़कियों के परिजनों को बाल विवाह के दुष्परिणामों और कानूनी प्रावधानों के बारे में भी जानकारी दी गई, जिस पर परिजनों ने उनके वयस्क होने तक उनका विवाह न करने पर सहमति जताई।

लड़कियों की आयु 15 से 17 वर्ष

काउंसलिंग टीम की प्रमुख और बाल विकास विभाग की जिला समन्वयक दीपिका ने बताया कि उछोला गांव में फरवरी माह में होने वाली 15, 16 और 17 वर्ष की चार नाबालिग लड़कियों की शादी रुकवाई गई। उन्होंने बताया कि इन चार लड़कियों में से दो एक ही परिवार की हैं, जिनमें से एक की आयु 15 वर्ष और दूसरी की आयु 17 वर्ष है। उन्होंने बताया कि टीम ने लड़कियों के परिजनों को बताया कि बाल विवाह कानूनी अपराध है, जिसमें कड़ी सजा का प्रावधान है।