India News(इंडिया न्यूज़), Uttarkashi Tunnel video: उत्तरकाशी की सुरंग में फंसी 41 जिंदगियों को जल्द बाहर निकालने की हरसंभव कोशिश की जा रही है। तकनीक के साथ-साथ आस्था का भी सहारा लिया जा रहा है। यहां के लोग अपने देवताओं पर पूरी आस्था रखते हैं।
उत्तरकाशी की सुरंग के बाहर प्रकट हुए महादेव
आज सोमवार को बाबा बौखनाग के अस्थायी मंदिर के पीछे सुरंग के मुहाने पर पानी का रिसाव हो गया है। पानी के रिसाव से बनी आकृति को भगवान शंकर की आकृति बताया जा रहा है। स्थानीय लोगों का दावा है कि उन्होंने भगवान शिव की आकृति देखी। कहा कि अब भोलेनाथ का आशीर्वाद मिल गया है। सभी लोग सुरक्षित बाहर आ जायेंगे।
15 दिनों से स्थानीय लोग गंगा-यमुना घाटी के इष्ट देवताओं को प्रसन्न करने के लिए अपने-अपने देवी-देवताओं की शरण में हैं। उनकी सलामती और ऑपरेशन सिल्क्यारा की सफलता के लिए सुबह-शाम प्रार्थनाएं की जा रही हैं।
रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू होने से पहले पूजा-अर्चना
स्थानीय निवासी एवं शिक्षक वीरेन्द्र अवस्थी का कहना है कि बाबा बौखनाग भण्डारस्यूं पट्टी, दसगी पट्टी, गंगा घाटी के बिष्ट पट्टी, यमुना घाटी के मुगरसंती और बड़कोट पट्टी के आराध्य देवता हैं। सुरंग के ऊपरी भाग पर बाबा बौखनाग का मंदिर है। दुर्घटना के बाद सुरंग के प्रवेश द्वार पर उनका मंदिर भी स्थापित किया गया। स्थानीय लोग यहां पालकी लेकर पहुंचे और पूजा-अर्चना की। रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू होने से पहले उनकी पूजा की जा रही है।
लोगों का कहना है कि अब भोलेनाथ की कृपा से ये संकट जल्द दूर हो जाएगा। पोस्ट पर लोगों ने जमकर प्रतिक्रिया दी। एक यूजर ने कहा कि मजदूर इतने दिनों से अंदर फंसे हैं। अब मुझे सिर्फ महादेव पर भरोसा है।’ कई लोगों ने कमेंट सेक्शन में लंबी देरी पर निराशा भी व्यक्त की। लोगों का कहना था कि मजदूर इतने दिनों से अंदर फंसे हैं। अब भी उम्मीद की किरण नजर आना मुश्किल है। ऐसे में किसी अनहोनी की आशंका बनी रहती है। मेरी एकमात्र आशा महादेव हैं।
इसे भी पढ़े:
Uttarkashi Rescue Operation: कौन हैं ड्रोन मैन मिलिंद राज, जो सुरंग के अंदर भेजेगें रोबोट