India News (इंडिया न्यूज), Video News: आज से 40-50 साल पहले तक हम जिन चीजों की कल्पना तक नहीं किये थे आज वो हमारे रोज़मरा की ज़िन्दगी का एक ख़ास हिस्सा बन गया है। पहले हमे जिन चीजों की जरुरत ही नहीं थी, आज उन्हीं चीजों के बगैर गुज़ारा मुमकिन मालूम नहीं होता है। विज्ञानं और तकनीक आज खूब तेजी से आगे बढ़ रहा है और हमारे जीवन में उनका एक हम हिस्सा हो गया है। अब इनके फायदे बोली या नुक्सान ये तो चर्चा का विषय है। मार्किट में आज के तारिक में बहुत सी प्रोसेस्ड चीजें उपलब्ध है। जहां एक तरफ लोग नेचुरल और आर्गेनिक प्रोडक्ट्स इस्तेमाल करने की बात कर रहे है वही आजमार्केट में अधिकतर नेचुरल चीज़ का एक आर्टिफीसियल विकल्प मौजूद है।
अब तक आपने सुना होगा की मार्किट में प्लास्टिक की सब्जियां मिल रही है या पेंट किये हुए फ्रूट्स एंड वेजटेबल्स पर अब आपको मार्किट में बिना दूध के भी डेरी प्रोडक्ट्स मिलेंगे। अब बिना दूध के इस्तेमाल से ही पनीर, बटर, चीज़ तथा अन्य डेरीप्रोडक्ट्स मिलेंगे। ये आईडिया जब दुनिया के सबसे बारे करोड़पति, बिल गेट्स के पास गया तो उनको भी ये आईडिया इतना पसंद आया की उन्होंने भी इस बिज़नेस में इन्वस्टमेंट कर दिया। ये अनोखा आईडिया अमेरिका के एक स्टार्टअप कंपनी SAVOR ने लाया है और एक ऐसा बटर जैसा ही फैट बनाया है जो स्वाद में तो बटर जैसा ही है परन्तु इसका दूध से कोई लेना- देना नहीं है।
ऑडिटी सेंट्र्ल वेबसाइट के अनुसार कैलिफ़ोर्निया बेस्ड Savor कंपनी ने कार्बन डाइऑक्साइड हाइड्रोजन को मिला कर बटर बनाया है। मक्खन कार्बन और हाइड्रोजन आटोमस के होता है। Savor कंपनी लैब में बिना दूध इस्तेमाल किये, थर्मोकैमिकल प्रोसेस द्वारा मक्खन तैयार किया है। इस प्रक्रिया मे न तो किसी प्रकार का ग्रीनहाउस गैस रिलीज़ होती है और नहीं खेत का इस्तेमल होता है बल्कि इस प्रक्रिया के लिए पारम्परिक खेती के हजारवें हिस्से के बराबर पानी इस्तेमल होता है। दावा किया गया है की इस प्रोसेस से बानी बटर और असली बटर में कोई भी फर्क नहीं होगा, और स्वाद में कोई भी अंतर नहीं किया जा सकता है।
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कंपनी के फाउंडर कैथलीन एलेक्ज़ेंडर का कहना है की इस तरह के प्रोसेस्ड प्रोडक्ट्स साल 2025 तक मार्केट में आ जाएंगे। इस स्टार्टअप कंपनी में माइक्रोसॉफ्ट के फाउंडर बिल गेट्स ने भी अपना पैसा लगाया है। बिल गेट्स ने अपने ब्लॉग में इन प्रोडक्ट्स और कम्पानी के बारे में बताते हुए बताया है की मक्खन जैसे प्रोडक्ट्स बनाने के लिए हवा में मौजूद कार्बन डिऑक्सीड़ेऔर पानी से हाइड्रोजन को लिया और उनको मिला कर लग में इन प्रोडक्ट्स को प्रोडूस किया। हाइड्रोजन और कार्बन डाइऑक्साइड को एक साथ लेकर उसे गरम कर के ऑक्सीडीसे किया गया और इसमें से फैटी एसिड को अलग कर के उसमे से फैट बनाया गया है। अब सबसे बड़ा चैलेंज ये आता है की इन प्रोडक्ट्स का मार्किट में रेट कितना होगा की आम इंसान आसानी से ले सकता है। अब आगे इसी तरह से कंपनी अन्य डेरी प्रोडक्ट्स जैसे दूध, चीज़, आइस क्रीम तथा अन्य भी प्रोडक्ट्स बनाने में जुटी है।
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