सुनीता विलियम्स, अंतरिक्ष को अपना घर बना लेने वाली भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री, के जीवन से जुड़े 7 अनसुने रहस्य आज हम आपको बताने जा रहे हैं।
बचपन में सुनीता विलियम्स का सपना अंतरिक्ष में जाने का नहीं, बल्कि एक पशु चिकित्सक बनने का था। लेकिन जब उन्होंने नेवी में शामिल होकर हेलिकॉप्टर पायलट बनने का सपना देखा, तब उन्होंने आसमान की ऊँचाइयों में कदम रखना शुरू किया।
एक दिन सुनीता को अचानक अंतरिक्ष कार्यक्रम में शामिल होने का अवसर मिला, जिसके बारे में उन्होंने कभी सोचा भी नहीं था। वह इसे नियति का बुलावा मानती हैं, जो उन्हें अंतरिक्ष की ओर ले गया।
सुनीता ने अंतरिक्ष में लगातार 195 दिन बिताए, जो उस समय एक महिला द्वारा सबसे लंबी अंतरिक्ष यात्रा थी। उनके इस सफर ने उन्हें अंतरिक्ष में सबसे अधिक समय बिताने वाली महिलाओं की लिस्ट में जोड़ दिया।
उन्होंने अंतरिक्ष में रहते हुए अंतरिक्ष की सैर (स्पेसवॉक) में भी नया रिकॉर्ड बनाया। कुल 7 बार स्पेसवॉक करते हुए उन्होंने लगभग 50 घंटे अंतरिक्ष में खुले वातावरण में बिताए।
सुनीता के पिता गुजरात, भारत से थे। उनके भारतीय मूल ने उन्हें भारत के साथ भावनात्मक रूप से जोड़े रखा। जब वह अंतरिक्ष में थीं, तब उन्होंने तिरंगा भी अपने साथ रखा, जिसे उन्होंने गर्व के साथ दिखाया।
अंतरिक्ष में रहते हुए सुनीता ने परिवार से जुड़ने के लिए कई तरीके अपनाए। उन्होंने अपने कुत्ते से बात करने के लिए वीडियो कॉल्स का सहारा लिया और अपने पति को रोज़ ईमेल भेजा।
सुनीता को खेलों का बहुत शौक है। अंतरिक्ष में रहते हुए भी उन्होंने मैराथन दौड़ी, भले ही वह ट्रैडमिल पर थी, लेकिन उनका जज़्बा यही दिखाता है कि सीमाएं चाहे कितनी भी हों, उन्हें पार किया जा सकता है।
सुनीता विलियम्स की कहानी दिखाती है कि जीवन में सपनों को हासिल करने की कोई उम्र या सीमा नहीं होती, बस प्रयास और जुनून होना चाहिए।