इतिहास में कोहिनूर कई हाथों में गया है। एक समय यह मुगलों के पास थे। लेकिन एक तवायफ के चलते वो उनसे छिन गया।
उस तवायफ का नाम था नूर बाई। बेपनाह खूबसूरती और अदाओं के कारण वह रईस और ताकतवर लोगों के बीच मशहूर थी
1739 में ईरानी बादशाह नादिर शाह ने मुगलों पर हमला किया तब सल्तनत के सिंहासन पर बादशाह रंगीला बैठा था।
नूर और मुगल बादशाह मुहम्मद शाह ‘रंगीला’ काफी करीब थे। इतिहासकारों का मानना है कि नूर बादशाह को पसंद नहीं करती थी।
नूर बाई ने ही नादिर को बताया कि दुनिया का सबसे नायाब हीरा कोहिनूर बादशाह की पगड़ी में है।
कोहिनूर को पाने के षड्यंत्र में नादिर ने हिन्दुस्तान की कमान वापस सौंपने के लिए बादशाह रंगील को दरबार में बुलाया।
नादिर ने रिवाज का हवाला देते हुए पगड़ी बदलने की बात कही। बादशाह के पास न कहने का विकल्प नहीं था। इस तरह मुगलों से उनका बेशकीमती हीरा छिन गया।