स्पेस में अंतरिक्ष यात्री की मौत के बाद, उसके शव का होता है ऐसा हाल कि...
आजहम आपको बताएंगे कि जब स्पेस में किसी अंतरिक्ष यात्री की मृत्यु के बाद शव का क्या किया जाता है।
स्पेस में जब कोई व्यक्ति मरता है, तो शव शून्य गुरुत्वाकर्षण में होता है, यानी उसकी स्थिति पर गुरुत्वाकर्षण का प्रभाव नहीं होता।
शून्य गुरुत्वाकर्षण में शव के अंग और तरल पदार्थ शरीर में इधर-उधर तैर सकते हैं, जिससे यह न केवल हाइजीनिक समस्या उत्पन्न कर सकता है,
बल्कि अंतरिक्ष यान के अंदर अन्य उपकरणों के लिए भी खतरे का कारण बन सकता है।
बता दे कि,अगर किसी अंतरिक्ष यात्री की मृत्यु हो जाती है, तो सबसे पहले शव को सुरक्षा के तहत यान के अंदर सुरक्षित स्थान पर रखा जाता है।
इसे किसी मजबूत बैग में डालकर, शव को बर्फ जैसे पदार्थों के साथ ठंडा करने की प्रक्रिया अपनाई जाती है ताकि शरीर में किसी भी प्रकार की सड़न या गंध का विकिरण न हो।
स्पेस में शव को सुरक्षित रखने के बाद, अगले कदम के रूप में उसे पृथ्वी पर लौटाने का विचार किया जाता है।
शव को पृथ्वी पर लाने के लिए, अंतरिक्ष यान में मौजूद तकनीकी उपायों के माध्यम से शव को सुरक्षित रूप से पृथ्वी तक भेजा जाता है।