A view of the sea

किस स्थान पर हुआ था शिव-गौरा का विवाह 

  हिन्दू धर्म और हमारे ग्रंथो के अनुसार देवी   सति ने शिव को पाने के लिए माँ पार्वती के                 रूप में  पूवर्जन्म लिया था 

माँ पार्वती का जन्म लेने के बाद भी उन्हें शिव को पाने के लिए घोर तपस्या करनी पड़ी थी 

जिसके बाद उनकी इस घोर तपस्या को देख शिव भगवान ने उनके प्रेम को स्वीकार कर                     उनसे विवाह किया 

जिसके बाद उनकी इस घोर तपस्या को देख शिव भगवान ने उनके प्रेम को स्वीकार कर                    उनसे विवाह किया 

  जिस स्थान पर माँ पार्वती ने तपस्या की थी  आज वो गौरी कुंड के नाम से लोकप्रसिद्ध हैं 

भगवान शिव ने भी गुप्तकाशी में माँ पार्वती के            आगे शादी का प्रस्ताव रखा था 

जिसके बाद रुद्रप्रयाग जिले के त्रिर्युगी नारायण           गांव में शिवशक्ति का विवाह हुआ

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