मिर्जापुर अपने अप्रत्याशित होने की वजह से फेमस है, लेकिन सीजन 3 अनुमानित था। कोई भी मेजर ट्विस्ट नहीं था, हमें पता है लोग बदला लेंगे जो ले रहे हैं। और जो भी ट्विस्ट है वो फील नहीं होता क्योंकि कैरेक्टर के साथ कनेक्शन बिल्डअप नहीं होता
मिर्जापुर बहुत स्लो बन गयी है। छोटी छोटी चीज़ों को देखने के लिए गहराई में जाना स्टोरी को धीरे-धीरे कर रहा है।
मिर्जापुर में फिल्टर फ्री डेलीगेस की कमी देखी जाती है। क्यों पिछले सीजन के हर एपिसोड में कुछ ना कुछ मीम बनाने के लिए सैवेज होता था। इस सीज़न में बस एक शायर था।
मिर्जापुर की कहानी हर एपिसोड में एक जगह से दूसरी जगह जा रही है। जिस वजह से भ्रम की स्थिति पैदा हो गई।
इस बार के नए किरदार के साथ कनेक्शन नहीं बन पाया क्योंकि उनकी कहानी में सिर्फ फिलर्स का इस्तेमाल किया गया था।
मिर्जापुर में क्रूरता ज्यादा नहीं है। जो है जो कहीं पर कुछ-कुछ है। लोगों को क्रूरता को देखने के लिए एक ही एपिसोड मिलता है
मिर्जापुर में बहुत सारे अध्याय हैं, जो कर भी नहीं रहे, महत्वपूर्ण अध्याय ही मरने वाले होते हैं कि फिर नॉर्मल हो जाते हैं।
अगले सीजन में महिलाएं फ्रंट फुट या आकार फाइट करेंगी। फिर चाहे, किसी भी किरदार की बात क्यों न करलो।