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मुगलकाल में मराठाओं ने जो योगदान दिया है उसमें छत्रपति शिवाजी महाराज का नाम सबसे प्रमुखता से लिया जाता है

शिवाजी के पिता शाहजी ने दादोजी कोंडोदादेव को पूना प्रशासन सौंपा, जिनकी मृत्यु के बाद शिवाजी ने वह जिम्मेदारी संभाली

शिवाजी महाराज ने शुरू से कुशल रणनीति और युद्धनीति का सहारा लेकर मराठा साम्राज्य (Maratha Empire) की नींव रखी

 उन्होंने बीजापुर और मुगलों का विरोध झेलते हुए चतुर राजनीति के जरिए दुश्मनों को अपने सामने टिकने नहीं दिया

बीजापुर के आदिलशाह ने छत्रपति शिवाजी महाराज के पिता को जुलाई 1648 को कैद कर लिया, जिन्हें 1649 में छोड़ा गया

पिता के कैद होने पर शिवाजी ने अपने अभियान का विस्तार रोक दिया और 1655 तक खुद को मजबूत करने में लगे रहे

शिवाजी ने सूरत पर हमला किया, इसके बाद शिवाजी ने मुगलों को दिए हुए अपने सभी किले वापस हासिल किए और 1674 में छत्रपति बन गए

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