भारत अपनी विविधता के लिए पूरी दुनिया में जाना जाता है। यहां आपको हर मौसम में कुछ खास देखने को मिलता है। जब पूरा देश सर्दियों के मौसम में ठिठुर रहा होता है, तो भारत के कुछ हिस्से चेरी ब्लॉसम के खूबसूरत नजारों से जगमगा उठते हैं।
जी हां, आप भारत में भी चेरी ब्लॉसम का लुत्फ उठा सकते हैं। आमतौर पर चेरी ब्लॉसम का नाम सुनते ही हमारे दिमाग में जापान और कोरिया का नाम आता है, लेकिन भारत के कुछ हिस्से ऐसे भी हैं जहां चेरी ब्लॉसम देखने का लुत्फ उठाया जा सकता है।
चेरी ब्लॉसम को जापानी भाषा में 'सकुरा' कहा जाता है। इसलिए भारत में खिलने वाले चेरी ब्लॉसम को 'इंडियन सकुरा' कहा जाता है।
चेरी ब्लॉसम क्या होते हैं? चेरी ब्लॉसम प्रूनस के पेड़ों पर खिलने वाले फूल होते हैं। इनका इस्तेमाल सजावट के लिए किया जाता है। ये फूल बेहद खूबसूरत होते हैं और इनका रंग गुलाबी से लेकर सफेद तक होता है।
जब ये पेड़ खिलते हैं, तो पूरा इलाका गुलाबी रंग से ढक जाता है। इसे देखना आंखों के लिए किसी ट्रीट से कम नहीं होता। ये फूल उस इलाके की खूबसूरती में चार चांद लगा देते हैं।
शिलांग, मेघालय शिलांग को भारत का स्कॉटलैंड कहा जाता है। यहाँ का मौसम साल भर सुहाना रहता है। सर्दियों में यहाँ चेरी के फूल खिलते हैं और पूरा शहर गुलाबी रंग से ढक जाता है। शिलांग में चेरी ब्लॉसम फेस्टिवल भी मनाया जाता है।
नागालैंड नागालैंड में भी चेरी के फूल देखने को मिलते हैं। यहाँ के जंगलों में ये पेड़ खूब खिलते हैं। ये नवंबर के महीने में खिलते हैं। आप यहाँ कई जगहों पर जाकर इसका लुत्फ़ उठा सकते हैं।
उत्तरी सिक्किम सिक्किम की खूबसूरती को शब्दों में बयां करना बहुत मुश्किल है। चेरी ब्लॉसम का मौसम इसे और भी खूबसूरत बना देता है। यहाँ आप लाचेंग और लाचुंग में चेरी ब्लॉसम का लुत्फ़ उठा सकते हैं।
किस समय देखें? भारत में चेरी ब्लॉसम देखने का सबसे अच्छा समय नवंबर से फरवरी के बीच का है। इस दौरान ये पेड़ खूब खिलते हैं और पूरा इलाका गुलाबी रंग से ढक जाता है।