कई देशों ने खुद को धर्मनिरपेक्ष बनाए रखा है। सऊदी अरब उन देशों में से एक है जिसने खुद को मुस्लिम राष्ट्र घोषित किया है।
एक समय में इस देश की पहचान कट्टरपंथी मुस्लिम देश के तौर पर थी।
सऊदी अरब में गैर-मुस्लिमों के लिए पूजा करना और अपने धार्मिक रीति-रिवाजों का पालन करना बहुत मुश्किल है।
सऊदी अरब में कानून वहाबी इस्लाम की मान्यताओं पर आधारित है।
यहां इस्लाम के अलावा किसी दूसरे धर्म की सार्वजनिक पूजा या धार्मिक गतिविधि की इजाज़त नहीं है।
यहां सिर्फ़ मुसलमान ही अपने धार्मिक रीति-रिवाज़ सार्वजनिक तौर पर कर सकते हैं।
सऊदी अरब में हिंदू और ईसाई समेत सभी गैर-मुस्लिम धर्मों के पूजा स्थल जैसे मंदिर या चर्च नहीं बनाए जा सकते।
यह कानून हिंदुओं समेत गैर-मुस्लिम धर्मों के लोगों को अपने घरों में निजी तौर पर पूजा करने की इजाज़त देता है।
लेकिन यह भी बिना किसी सार्वजनिक ध्यान के किया जाना चाहिए।