A view of the sea

एक वक़्त में सिर्फ राजघराने की स्त्रियों  के लिए ही तैयार की जाती थी ये साड़ी,  आज के अरबों में भी न हो सके तैयार?

साड़ियों का शौक भला किस औरत को नहीं होता है, हर औरत चाहती है महंगी से महंगी खूबसूरत साड़ी को पहनना। 

लेकिन क्या आप जानते है एक ऐसी साड़ी भी बनती थी जो सिर्फ राजघराने की स्त्रियों के लिए ही बनाई जाती थी। 

भारत के मशहूर दक्षिण भारत में मैसूर की सिल्क साड़ी, कासावी, कांजीवरम सिल्क समेत कई तरह की साड़ियों की बिक्री मशहूर है। 

भारत की पहचान दुनिया भर में यहां पर मिलने वाली इन खूबसूरत साड़ियों और उनकी कलात्मकता को दर्शाती है। 

और ऐसी ही एक मशहूर साड़ी है आंध्र प्रदेश की धर्मावरम साड़ी भी, जो एक वक्त पर सिर्फ राजघराने की स्त्रियों के लिए ही ही बनवाई जाती थी। 

इसकी खासियत ये थी कि यह साड़ी रेशम की हुआ करती थी और साथ ही इसका बॉर्डर गोल्डन होता था। 

उस समय में भी इस साड़ी की कीमत लाखों तक पहुंच जाया करती थी। 

महारानियों के लिए इस साड़ी को जब तैयार कराया जाता था तब इसके बॉर्डर पर सोने की परत चढ़ाई जाती थी जो इसे और खूबसूरत बना दे।  

आंध्र प्रदेश में बनने वाली यह खास साड़ी सोने की परत से तैयार हो अपने बॉर्डर और आर्टवर्क प्रिंट के लिए जानी जाती थी। 

अब बात करे इसके आर्टवर्क की तो शादियों में पहनी जाने वाली इस साड़ी में सोने की ब्रोकेड पैटर्न, पशु-पक्षी के आकर्षकडिज़ाइन, और मंदिर के चित्र छपे होते थे। 

इतिहास में खासतौर पर इस साड़ी में रेशम के धागों से साथ ही सोने या चांदी के तारों की परत चढ़ा इसे बला का खूबसूरत बना दिया जाता था। 

अब इन साड़ियों पर गोल्डन जरी की परत लगाई जाती है, लेकिन सबसे बड़ी बात ये है कि आज भी ये काफी महंगी और बेशकीमती है। 

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