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लगाते हैं सनस्क्रीन? हो जाएं सावधान, पड़ सकता है पछताना

गर्मियां आते ही, लोग तपती धूप से बचने के लिए क्या कुछ नहीं करते। जिससे कि उनकी स्किन सुरक्षित रहे।

लोग सनस्क्रीन भी लगाते हैं ये सोचकर कि ये उनकी त्वचा को सूर्य की तेज़ किरणों से बचाएगा।

सनस्क्रीन उनकी स्किन को बचाता तो है पर नुकसान भी पहुंचाता है। आइए जानते हैं कौन-कौन से नुकसान हैं इसके

आंखों के पास की स्किन बहुत नाज़ुक होती है। यहां सनस्क्रीन लगाने से आंखों के लिए ख़तरा पैदा हो सकता है।

सनस्क्रीन ढेर सारे केमिकल्स से बना हुआ होता है, इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं कि कैंसर और ट्यूमर का ख़तरा बढ़ जाता है।

सनस्क्रीन बनाने के लिए एवोबेंज़ोन, ऑक्सीबेंज़ोन, होमोसैलेट, एक्टीनॉक्सेट जैसे केमिकल्स का इस्तेमाल होता है, इनमें से कुछ त्वचा के माध्यम से टिशु में घुस जाते हैं।

ऑक्सीबेंज़ोन महिलाओं में यूटेरस के टिशू डिस्टर्ब कर देता है। जो टिशु यूटेरस के अंदर होने चाहिए वो बाहर पनपने लगते है।

ऑक्सीबेंज़ोन पुरुषों में प्रजनन क्षमता में कमी लाता है।

ऑक्सीबेंज़ोन, पैराबिन, ट्रिकलोसन जैसे केमिकल्स शरीर में हॉरमोन्स का संतुलन बिगाड़ देते हैं।

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