महाभारत की कथा को देखा जाए तो द्रौपदी के विवाह के उनके पिता ने स्वंयवर का आयोजन कराया था।
स्वंयवर में पांडव में से अर्जुन ने हिस्सा लेकर मछली की आंख में तीर मारा और जीत हासिल की
कथा में माता कुंती के वचन के कारण अर्जुन के साथ पांचों पांडवों को द्रौपदी को पत्नी के रूप में स्वीकार करना पड़ा।
द्रौपदी ने साथ पांचों पांडवों ने भी ईमानदारी के साथ अपने रिश्ते को निभाया
इसके साथ ही बता दें कि पाचों पांडवों मे से एक था जो द्रौपदी से बेहद प्यार करता था और द्रौपदी उसी को अगले जन्म में पति बनाना चाहती थी।
द्रौपदी ने अपने अंतिम समय पर इच्छा व्यक्त की थी। जिसमें वह अगले जन्म में महाबली भीम की पत्नी बनना चाहती हैं।
कहते हैं भीम द्रौपदी को किसी तकलीफ में नहीं देख पाते थे और द्रौपदी की तकलीफ से उनकी आंखों में आंसू आ जाते थे।