इस कारण हुई थी भगवान            राम की मृत्यु?

 Prachi Jain              05-09-2024

भगवान राम ने राक्षसों का विनाश और धर्म की स्थापना कर अपने धरती पर अवतार का उद्देश्य पूरा किया। उन्हें यह अहसास हुआ कि अब उनकी लीला समाप्त होने का समय आ गया है।

यमराज का दूत भगवान राम के पास आया और उन्हें बताया कि अब उन्हें स्वर्ग वापस लौटने का समय आ गया है। राम ने इसे सहर्ष स्वीकार किया, क्योंकि उन्होंने मानव रूप में अपना कर्तव्य पूरा कर लिया था।

राम के छोटे भाई लक्ष्मण ने यमराज की एक शर्त के तहत अपने प्राणों की आहुति दी। लक्ष्मण की मृत्यु से दुखी होकर भगवान राम ने भी जीवन समाप्त करने का निश्चय किया।

भगवान राम ने अपने भाइयों और अनुयायियों से विदाई ली और सरयू नदी के किनारे गुप्तार घाट की ओर प्रस्थान किया। यहां उन्होंने जल समाधि लेने का निर्णय किया।

राम ने सरयू नदी में प्रवेश कर जल समाधि ली, जहां वे नदी की लहरों में अदृश्य हो गए और अपने विष्णु स्वरूप में वापस लौट गए। इस घटना को उनके पृथ्वी पर मानव अवतार की समाप्ति माना जाता है।