भारत की मशहूर नदी नर्मदा नदी, रेवा नदी के नाम से भी प्रचलित है जो मध्य प्रदेश के अमरकंटक पठार से होकर निकलती है।
नर्मदा नदी भरत के के अनेको प्रदेश जैसे मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, और गुजरात से होकर बहती है और खंभात की खाड़ी में पाई जाती हैं।
इसकी गिनती भारत की पांचवीं सबसे बड़ी नदी में की जाती है साथ ही इसे हिंदू धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक बेहद पवित्रता का दर्जा दिया गया है।
इसी के साथ उत्तर भारत और दक्षिण भारत के बीच विभाजन करने के तरीके से भी नर्मदा नदी एक अहम भूमिका निभाती है।
नर्मदा नदी के किनारे बना ओंकारेश्वर द्वीप इस धरती के रचयिता भगवान शिव को समर्पित है और इसकी मान्यता बरसो से चली आ रही है।
और इसी लिए नर्मदा नदी के तट पर मिलने वाले प्रत्येक पत्थर को शिवलिंग का दर्जा दिया जाता है साथ ही कई धार्मिक कार्यों के लिए इनका इस्तेमाल भी किया जाता है।
साथ ही नर्मदा नदी की गहराई कहीं भी एक जैसी नहीं पाई जाती और आंवली घाट पर नदी का तल 101 फुट तक गहरा हो जाता है।
एक और बात है जो इसे दुनिया में ही सबसे विचित्र बनती है और वो है इसका उल्टा बहना जिसके ऊपर वैज्ञानिकों का मानना है कि नर्मदा नदी के उल्टे बहने की सबसे बड़ी वजह रिफ्ट वैली है।
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