साइकोलॉजी के अनुसार, शारीरिक भाषा के संकेतों से झूठ का पता लगाया जा सकता है। यहां हम 10 ऐसे बॉडी लैंग्वेज संकेतों की लिस्ट को देखेंगे
झूठे लोगों को आम तौर पर बातचीत के दौरान आंखों का संपर्क बनाए रखने में कठिनाई होती है। आँख मिलाने से बचना एक प्रमुख संकेत है कि कोई झूठ बोल रहा है।
बात करते समय अत्यधिक घबराहट और पसीना आना यह दर्शाता है कि कोई व्यक्ति सच नहीं बोल रहा है या बातों को गुप्त नहीं रख रहा है।
माइक्रोएक्सप्रेशन अस्थायी चेहरे के भाव हैं जो तब होते हैं जब कोई झूठ बोल रहा होता है। वे बिना किसी कारण के अचानक भयभीत और घबरा सकते हैं।
यदि कोई बहुत ज़्यादा expressive हो रहा है, तो यह धोखे का संकेत है। झूठ बोलने वालों को आमतौर पर कहानियाँ गढ़ने और बहुत कुछ कहने की आदत होती है।
अत्यधिक चंचलता और चिंतापूर्ण व्यवहार, जिसमें पैर हिलाना, उंगलियां थपथपाना या अत्यधिक उत्तेजना दिखाना जैसी बेचैन करने वाली हरकतें शामिल हैं, यह संकेत देते हैं कि कोई व्यक्ति झूठ बोल रहा है।
झूठ बोलने वालों की आवाज़ आमतौर पर ऊँची होती है क्योंकि उनका इरादा सच को छुपाने का होता है। इसलिए, ऊँची आवाज़ अस्पष्टता को दूर करने का एक प्रभावी उपकरण बन जाती है।
झूठे लोगों को आम तौर पर बातचीत के दौरान आंखों का संपर्क बनाए रखने में कठिनाई होती है। आँख मिलाने से बचना एक प्रमुख संकेत है कि कोई झूठ बोल रहा है।
जब कोई झूठ बोल रहा होता है तो उसके हावभाव उसके शब्दों से मेल नहीं खाते।
मुंह या आंखों को ढंकना विश्वासघात और झूठ का एक प्रमुख संकेतक हो सकता है।ॉ
कठोर शारीरिक मुद्रा और बंद मुट्ठियाँ बता सकती हैं कि कोई झूठ बोल रहा है।