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नए संसद भवन का पहला दिन

आज 19 सितंबर को पहली बार प्रधानमंत्री ने नए संसद भवन में अपना संबोधन दिया.

इस दौरान पुराने संसद भवन को संविधान सदन के नाम से पुकारे जाने पर फैसला लिया गया.

नए संसद भवन का निर्माण सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत किया गया है.

सरकार का कहना था कि आजादी से पहले संसद भवन का निर्माण किया गया था. जिसके कारण सीवर लाइनों, एयर कंडीशनिंग, अग्निशमन, सीसीटीवी, ऑडियो वीडियो सिस्टम जैसी सुविधाएं उपलब्ध नहीं थी.

साथ ही 2026 तक सीटों में बढ़ोतरी की संभावना भी जताई जा रही है. पुरानी लोकसभा में अधिकतम 552 व्यक्ति बैठ सकते थें. नए लोकसभा भवन में 888 सीटों की क्षमता है.

पुराने राज्यसभा भवन में 250 सदस्यों के बैठने की जगह थी. नए राज्यसभा हॉल की क्षमता 384 है.

नए संसद भवन की संयुक्त बैठक में 1272 सदस्य बैठ सकते हैं.

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