बेहद खूंखार होते हैं गोरखा, पल भर में कर देते हैं दुश्मन का काम तमाम

ब्रिटिश शासनकाल के दौरान गोरखा लोगों को मार्शल रेस की उपाधि से नवाजा गया और ये लोग उस वक्त भी युद्ध में काफी आक्रामक, साहसी और वफादार हुआ करते थे। 

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, हर साल भारतीय सेना में 1200 से लेकर 1300 गोरखा सैनिक शामिल किए जाते हैं।

वहीं करीब 70 फीसदी गोरखा सैनिक गोरखा राइफल्स में सेवाएं दे रहे हैं और बाकी के 30 फीसदी गोरखा देहरादून, दार्जिलिंग और धर्मशाला में बसे हुए हैं।

गोरखा सैनिकों के बारे में कहा जाता है कि वह शारीरिक और मानसिक तौर पर इतने मजबूत होते हैं कि कोई भी उनसे टकराने की हिमाकत नहीं करता है।

गोरखा सैनिक खुद को फिट रखने के लिए बेहद पौष्टिक डाइट लेते हैं। मांसाहार उनके आहार का प्रमुख हिस्सा होता है।

गोरखा ज्यादातर बकरे और जंगली सूअर का मांस खाते हैं। इसके अलावा वो हाई कैलोरी डाइट भी लेते हैं ताकि उनके शरीर में ऊर्जा बनी रहे।

प्रोटीन रिच फूड भी गोरखा सैनिकों की डाइट का अहम हिस्सा है। वो जमकर पानी भी पीते हैं ताकी शरीर हमेशा हाइड्रेट रहे।

बात गोरखा सैनिकों के पारंपरिक भोजन की करें तो वो लोग दाल और भात खूब पसंद करते हैं। दाल चावल के साथ उनकी थाली में तीखी हरी मिर्च में अमूमन होती ही है।