क्या आपके मन में कभी ये सवाल नहीं उठा कि क्या Santa Claus शुरू से ही सिर्फ रेड और वाइट कपड़े पहनते थे, और इसके पीछे की कहानी क्या हो सकती है चलिए आज जान लीजिये...
प्रारंभिक समय में सेंट निकोलस को विभिन्न रंगों की पोशाक में ड्रॉ किया गया, जिसमें नीला, हरा, भूरा और लाल रंग प्रमुख थे। उनका पहनावा अक्सर उस युग की सांस्कृतिक परंपराओं और क्षेत्रीय मान्यताओं पर निर्भर करता था।
यूरोप में सेंट निकोलस को अक्सर हरे या भूरे रंग के कपड़ों में दिखाया जाता था, जो प्रकृति और पृथ्वी से जुड़े थे। यह क्रिसमस के शुरुआती परंपराओं से जुड़ा था।
19वीं सदी के अंत तक, पश्चिमी देशों में Santa Claus की छवि एक मोटे, खुशहाल बुजुर्ग व्यक्ति के रूप में विकसित हुई, जो बच्चों को तोहफे देता है। इस समय के दौरान उनके कपड़े लाल और सफेद रंग में अधिक सामान्य हो गए।
1860 के दशक में अमेरिकी कार्टूनिस्ट थॉमस नैस्ट (Thomas Nast) ने Santa Claus को लाल और सफेद कपड़ों में दिखाया। यह छवि Harper’s Weekly पत्रिका में प्रसिद्ध हुई और लोगों के बीच लोकप्रिय हो गई।
1931 में Coca-Cola कंपनी ने अपने विज्ञापन अभियान में Santa Claus को प्रमुखता से दिखाया। उन्होंने लाल और सफेद रंग को Santa की पोशाक के रूप में प्रचलित किया, जो उनके ब्रांड के रंगों से मेल खाता था।
लाल रंग खुशी और गर्मजोशी का प्रतीक है, जबकि सफेद रंग शुद्धता और सर्दियों (बर्फ) का प्रतीक है। ये रंग क्रिसमस की भावना को और मजबूत करते हैं।
Coca-Cola के विज्ञापन और अन्य मीडिया के माध्यम से लाल और सफेद पोशाक वाली Santa की छवि पूरी दुनिया में लोकप्रिय हो गई। आज, यह छवि Santa Claus के रूप में स्थापित हो चुकी है।