सर्दी के मौसम में शरीर की रक्त वाहिकाएं स्वाभाविक रूप से सिकुड़ जाती हैं, जिससे रक्त प्रवाह धीमा हो जाता है। इस समस्या का असर विशेष रूप से बुजुर्गों और हार्ट पेशेंट्स पर ज्यादा होता है।
जब हार्ट पेशेंट्स या हाई ब्लड प्रेशर वाले लोग नहाते समय गर्म पानी का इस्तेमाल करते हैं, तो उनकी सिकुड़ी हुई रक्त वाहिकाएं अचानक से फैल जाती हैं। इस बदलाव से रक्तचाप में उतार-चढ़ाव हो सकता है।
जब नहाने के बाद व्यक्ति बाथरूम से बाहर आता है, तो ठंडी हवा के संपर्क में आने से रक्त वाहिकाएं तेजी से सिकुड़ने लगती हैं। इससे रक्त सर्कुलेशन में और रुकावट आ सकती है, जो दिल पर दबाव डालता है।
ठंड और सिकुड़ी हुई रक्त वाहिकाओं के कारण ब्लड सर्कुलेशन बहुत धीमा हो जाता है। इससे शरीर के अंगों तक पर्याप्त रक्त और ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाती, जो दिल के लिए खतरे की घंटी हो सकती है।
रक्त वाहिकाओं के सिकुड़ने और फैलने की प्रक्रिया के कारण दिल को ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। इससे दिल की धड़कन तेज हो सकती है, और रक्तचाप बढ़ने से हार्ट अटैक का खतरा बढ़ सकता है।
कई बार बाथरूम में पॉटी करते वक्त जोर लगाने से भी हृदय पर दबाव पड़ता है। यह स्थिति खासकर हाई ब्लड प्रेशर और हार्ट पेशेंट्स के लिए खतरनाक हो सकती है, क्योंकि इससे अचानक दिल की गति में बदलाव आ सकता है, जिससे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।
इन खतरों से बचने के लिए सर्दियों में विशेष रूप से सावधानी बरतनी चाहिए, जैसे गर्म पानी से न नहाना, और बाथरूम में अत्यधिक जोर नहीं लगाना।