भारत में यहां पर शादी के लिए लड़कों को पीटती हैं महिलाएं, जानिए अजीब परंपरा

जोधपुर में प्राचीन समय से यह परंपरा चलती आ रही है। इस परंपरा में भाभी अपने देवर और दूसरे कुंवारे लड़कों को प्यार से छड़ी मारकर बताती हैं कि यह कुंवारा है।

मान्यता है कि बेंत मारने से कुंवारे लड़कों की जल्द शादी हो जाती है।

इस मेले का नाम धींगा गवर है। मेले के दौरान 16 दिन तक गवर माता की पूजा की जाती है। फिर 16वें दिन महिलाएं पूरी रात घर से बाहर रहती हैं। अलग-अलग समय पर धींगा गवर की आरती करती हैं।

खास बात यह है कि इसमें विधवा महिलाएं भी भाग लेती हैं। माना जाता है कि ऐसा करने से परिवारों में सुख-समृद्धि आती है।

धींगा गवर माता की पूजा करने वाली महिलाएं 12 घंटे तक निर्जला उपवास रखती हैं और दिन में सिर्फ एक बार खाना खाती हैं।

चैत्र शुक्ल की तृतीया से इस पूजा की शुरुआत होती है और बैसाख कृष्ण पक्ष की तृतीया तक यह चलता है।

पूजा में महिलाएं पहले दीवारों पर गवर की कलाकृति बनाती हैं। कच्चे रंग से भगवान शिव, गणेश जी, मूषक, सूर्य, चंद्रमा और गगरी लिए महिला का भी चित्र बनाया जाता है।

इसमें 16 अंकों का खास महत्व होता है और 16 महिलाएं एक साथ पूजा करती हैं। यह संख्या न घटाई जा सकती है और न ही बढ़ाई जा सकती है।

मान्यता है कि 1459 में जोधपुर की स्थापना से ही धींगा गवर पूजा शुरू हुई थी। राज परिवार ने इस पूजा की परंपरा की शुरुआत की थी। 564 सालों से यह पूजा चलती आ रही है।