A view of the sea

महिला नागा साधु पीरियड्स में कैसे करती हैं महाकुंभ में स्नान? क्या है इनका वो रहस्यमयी सच

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में भव्य महाकुंभ का आयोजन किया गया है, करोड़ों भक्त गंगा में आस्था की डुबकी लगा रहे हैं। 

संगम किनारे हर तरफ सिर्फ भक्त ही नजर आ रहे है, प्रयागराज में स्नान के लिए भारी तादाद में नागा साधु, अघोरी और महिला नागा साधु पहुंचे है।

महिला नागा साधु अक्सर लोगों का ध्यान अपनी तरफ खींचती हैं, इनका जीवन काफी रहस्यमयी होता है।

इनको अपना सांसारिक जीवन छोड़कर आध्यात्मिक जीवन अपनाना पड़ता हैं, ये लोग अपने गृहस्थ जीवन को त्याग देते हैं।

महिला नागा साधु भगवान शिव और माता पार्वती के अलावा माता काली की भक्त भी मानी जाती हैं।

उनको जिंदा रहते हुए अपना पिंडदान और मुंडन भी करना पड़ता है, इन्हें हमेशा माता कहकर संबोधित किया जाता है।

महिला नागा साधुओं को केसरी वस्त्र को धारण करना जरूरी होता है, वो लोग दिगंबर नहीं रह सकते ।

कुंभ के समय सभी महिला साधुओं के लिए माई बाड़ा बनाया जाता है, साभी महिला साधु उसी में शरण लेती है।

महिला नागा साधु केसरी रंग के बिना सिले वस्त्र पहनती हैं। इस वस्त्र का वे पीरियड्स में भी एक छोटा वस्त्र बहाव के स्थान पर लगा लेती हैं। पीरियड्स के समय वह गंगा स्नान नहीं करतीं, बस अपने ऊपर गंगा जल छिड़क लेती हैं।

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