दुनिया के सात अजूबों में से एक आगरा के ताजमहल से कई रोचक कहानियां जुड़ी हुई हैं। उनमें से एक है ताजमहल को बेचने की कहानी।
कहा जाता है कि ताजमहल को तीन बार बेचा गया है। आपने यह कहानी कई लोगों से सुनी होगी, लेकिन इसकी हकीकत कुछ और ही है।
दरअसल, देश में एक बहुत बड़ा ठग था, जिसका नाम नटवर लाल था। लोग कहते हैं कि वह इतना बड़ा ठग था कि उसने ऐतिहासिक महत्व की कई चीजें बेच दीं।
नटवर लाल के बारे में मशहूर है कि उसने एक बार राष्ट्रपति भवन, दो बार लाल किला और तीन बार ताजमहल बेचा है।
ताजमहल की कथित बिक्री के बारे में कहा जाता है कि नटवर लाल ने खुद को सरकारी अधिकारी बताकर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर इसे बेचकर विदेशी पर्यटकों को ठगा था।
नटवर लाल बिहार के सीवान जिले का रहने वाला था। उसका असली नाम मिथिलेश कुमार श्रीवास्तव था। दरअसल, उसने कई फर्जी नामों का इस्तेमाल कर लोगों को ठगा था, उनमें से एक नटवर लाल भी था।
नटवर लाल द्वारा पूर्व राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद के फर्जी हस्ताक्षर करके संसद को बेचने की कहानी है। धोखाधड़ी के लिए उसने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी और कई अन्य बड़ी हस्तियों के नाम का इस्तेमाल किया था। नटवर लाल ने 20 साल जेल में भी बिताए थे।