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कुंभकर्ण की कितनी थी पत्नियां

रावण की महाबली भाई कुंभकरण को महाभारत का सबसे हम अंश माना जाता है 

कुंभकरण बिल्कुल अपने पिता ऋषि विश्रवा की तरह ही महा ज्ञानी और धर्म को लेकर उक्त था और उसने सीता के हरण को अधर्म बताया था 

कुंभकरण को श्राप की वजह से 6 महीने सोना पड़ता था और वह 6 महीने तक जाकर खाना पीना खाता था

कुंभकरण के बारे में लोगों को काफी कम जानकारी है ज्यादातर लोग रामानंद सागर की टीवी शो से ही कुंभकरण की कहानी को जानते हैं 

लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुंभकरण किष्किंधा के राजा बलि का दामाद था

कथाओं के अनुसार कुंभकरण की शादी बालि की बेटी वज्रज्वाला से हुई थी 

इसके अलावा कुंभकरण की दो और पत्नियां कर्कटी और तडित्माला थी 

कथाओं के अनुसार वज्रज्वाला से कुंभकरण के दो बेटे कुंभ और निकुंभ हुए थे 

इसके अलावा कर्कटी से कुंभकरण के पुत्र भीमासुरका जन्म हुआ जिसमें भगवान शंकर ने उन्हें युद्ध में भस्म कर दिया था 

उनकी तीसरी पत्नी तडित्माला से कुंभकरण के पुत्र मूलकासुर का जन्म हुआ था जो धार्मिक ग्रंथो में नहीं दिखते

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