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नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की कैसे करें आराधना

आज नवरात्रि का दूसरा दिन है इस दिन मां दुर्गा के दूसरे स्वरूप यानी की ब्रह्मचारिणी स्वरूप की आराधना की जाती है। इस दिन मां ब्रह्मचारिणी की कृपा पाने के लिए लोग व्रत उपवास करते हैं और पूरी श्रद्धा के साथ पूजन करते हैं। मान्यता यह है कि ब्रह्मचारिणी मां ऊर्जा का प्रवाह लाती है। इन की कृपा से मनुष्य आंतरिक शक्ति को महसूस कर सकता हैं।

मां ब्रह्मचारिणी का स्वरूप

मां ब्रह्मचारिणी का स्वरूप बेहद ही अलग होता है। वह ज्ञान और तप की देवी है। ब्रह्म का मतलब तपस्या होता है। तो वहीं चारिणी का मतलब आचरण करने वाली होता है। इस तरह ब्रह्मचारिणी का अर्थ पूरा किया जाता है। तप का आचरण करने वाली मां ब्रह्मचारिणी के दाहिने हाथ में मंत्र जाप की माला और बाएं में कमंडल होता है। माना जाता हैं की जो भी सच्चे मन से मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करता है। उन्हें धैर्य के साथ ज्ञान की प्राप्ति भी होती है।

क्या है मां ब्रह्मचारिणी की पूजा विधि

नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने के लिए उनकी मूर्ति उठाकर स्नान कराएं

फिर पूजा के लिए सबसे पहले आसन बछाए

जिसके बाद आसन पर माता को बैठा दें, माता को फूल, अक्षद, रोली, चंदन आदि अर्पित करें

वही उन्हें भोगस्वरूप में पंचामृत अर्पित करें, बता दे कि माता को शक्कर या पंचामृत का भोग लगाना अति शुभ माना जाता है

इसके साथ ही मां के मंत्र (ऊं ऐं नम:) का 108 बार जाप करें, इससे सभी मन की इच्छा पूरी होगी साथ ही माता को पान, सुपारी, लॉन्ग भी अर्पित करें।

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