Jan 18, 2024
Simran Singh
करने वाले है आईवीएफ ट्रीटमेंट तो सही समय का रखे ध्यान
मां बनने के लिए आईवीएफ सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाली तकनीक है। आईवीएफ ट्रीटमेंट' जो कि बांझपन की समस्या को दूर करता है।
आईवीएफ एक ऐसी चिकित्सा तकनीक है जिसकी मदद से बांझ दंपतियों को बच्चे हो सकते हैं।
इसमें महिला के अंडों और पुरुष के शुक्राणुओं को शरीर से बाहर निकाला जाता है। इन्हें प्रयोगशाला में मिलाकर भ्रूण तैयार किया जाता है।
यह भ्रूण फिर महिला के गर्भाशय में प्रत्यारोपित कर दिया जाता है। आईवीएफ की सफलता दर अच्छी है और बहुत से बांझ दंपति इसकी सहायता से माता-पिता बन पाए हैं।
आईवीएफ यानि इन वीट्रो फर्टिलाइजेशन एक बेहद सफल प्रजनन तकनीक है जिसके द्वारा बहुत सी कपल्स को प्रेगनेंसी की सफलता मिली है।
आईवीएफ चक्र शुरू करने से लेकर प्रेगनेंसी टेस्ट के पॉजिटिव होने तक का समय आमतौर पर 4 से 6 सप्ताह का होता है।
भारत में आईवीएफ करवाने का खर्च 1.5 लाख रुपए से 2 लाख रुपए के बीच होता है। लेकिन कई बार प्रयास करने पड़ते हैं तो यह खर्च 2-5 लाख तक जा सकता है।
महिला की उम्र - 30 से 35 साल की उम्र तक आईवीएफ के लिए सबसे उपयुक्त मानी जाती है क्योंकि इस उम्र में अंडों की गुणवत्ता बेहतर होती है।
पुरुष की उम्र - पुरुषों की उम्र 40-45 साल तक आईवीएफ के लिए ठीक रहती है क्योंकि शुक्राणुओं की गुणवत्ता इस उम्र तक अच्छी बनी रहती है।
माहवारी का सही समय - आईवीएफ प्रक्रिया के लिए माहवारी के 10वें दिन से लेकर 20वें दिन के बीच का समय सबसे उपयुक्त होता है।
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