नवरात्रि के पहले दिन गुप्त नवरात्रि में काली देवी की पूजा की जाती है। इस दिन देवी मां को घी से बनी मिठाई का भोग लगाएं।
गुप्त नवरात्रि के दूसरे दिनमें मां तारा की पूजा होती है। इस दिन दूध से बनी मिठाई का भोग लगाएं।
गुप्त नवरात्रि के तीसरे दिन त्रिपुरा सुंदरी की पूजा की जाती है। इस दिन पंचामृत का भोग लगाएं।
गुप्त नवरात्रि के चौथे दिन भुनेश्वरी देवी की पूजा करते हैं। इस दिन मालपुआ का भोग लगाएं।
गुप्त नवरात्रि के पांचवे दिन माता छिन्नमस्तिका की पूजा आराधना की जाती है। इस दिन केले का भोग लगाएं।
गुप्त नवरात्रि के छठे दिन माता त्रिपुरा देवी की पूजा की जाती है। इस दिन देवी मां को गुड़ से बनी मिठाई का भोग लगाएं।
गुप्त नवरात्रि के सातवे दिन माता धूमावती देवी की पूजा आराधना करते हैं और इस दिन मीठे पानी का भोग लगाया जाता है।
गुप्त नवरात्रि के आठवे दिन माता बगलामुखी देवी की आराधना करते हैं। इस दिन देवी मां को नारियल के लड्डू का भोग लगाएं।
गुप्त नवरात्रि के नौवे दिन मातंगी देवी की पूजा आराधना करते हैं। इस दिन केसर का भोग लगाएं।
इस साल गुप्त नवरात्रि 10 दिन की हैं। अंतिम दिन माता कमला की पूजा करें और उन्हें खीर, पूरी, हलवा का भोग लगाएं।