साल 2025 में इस्लाम मचाएगा कोहराम, कैसा होगा हिन्दू और ईसाइयों का हाल?
दुनिया में जनसंख्या वृद्धि एक बहुत ही बड़ा मुद्दा है। देखा जाएं तो कुछ धर्मों की जनसंख्या तेज़ी से बढ़ रही है, जबकि कुछ धर्मों की जनसंख्या में वृद्धि काफी कम देखने को मिल रही है।
अभी कुछ आंकड़े जारी किए हैं, जो वर्ष 2010 से 2050 तक विभिन्न धर्मों की जनसंख्या में होने वाली वृद्धि को दर्शाते हैं।
इन आंकड़ों के माध्यम से पता चलता है कि वर्ष 2010 में ईसाई धर्म की जनसंख्या 216 करोड़ थी, जो वर्ष 2050 तक बढ़कर 291 करोड़ सेअधिक हो सकती है।
इन 40 वर्षों में ईसाई धर्म को मानने वालों की जनसंख्या में करीब 75 करोड़ की वृद्धि हो सकती है। मतलब कि ईसाई धर्म की वार्षिक जनसंख्या लगभर 1 करोड़ 87 लाख तक होगी।
वर्ष 2010 तक इस्लाम धर्म की जनसंख्या लगभग 150 करोड़ थी, जो वर्ष 2050 तक बढ़कर 276 करोड़ से भी अधिक हो सकती है।
देखे तो इन 40 सालों में इस्लाम की जनसंख्या 116 करोड़ से भी अधिक बढ़ हो जाएगी। मतलब इस्लाम की वार्षिक जनसंख्या 2 करोड़ 90 लाख तक बढ़ेगी और हर महीने 24 लाख की वृद्धि भी हो सकती है।
अब बात करे हिंदू धर्म की तो, वर्ष 2010 में इसकी जनसंख्या 103 करोड़ थी, जो वर्ष 2050 में बढ़कर 138 करोड़ तक हो जाएगी।
मतलब कि इन 40 सालों में हिंदू धर्म की जनसंख्या 35 करोड़ से भी अधिक हो जाएगी। वहीं इस धर्म की वार्षिक जनसंख्या देखे तो 7 लाख से भी अधिक होगी।
आपको बता दे कि बौद्ध धर्म की जनसंख्या वर्ष 2010 में 48 करोड़ थी, जो वर्ष 2050 तक कम होते जाएगी। इस धर्म के लोगों की सालाना जनसंख्या माइनस 37 हजार पर आ सकती है।