इन 5 वजहों से हुई थी केदारनाथ मंदिर की स्थापना

पाप मुक्ति की इच्छा: महाभारत युद्ध के बाद पांडवों को अपने किए गए कर्मों के लिए पाप मुक्ति की आवश्यकता थी। उन्होंने भगवान शिव की पूजा की और केदारनाथ में शिवलिंग की स्थापना की

धार्मिक शांति की खोज: पांडवों ने युद्ध के बाद शांति और धार्मिक शांति की खोज में यात्रा की। केदारनाथ की यात्रा और वहां शिवलिंग की स्थापना से उन्हें आंतरिक शांति और संतोष प्राप्त हुआ

अक्षय पुण्य की प्राप्ति: पांडवों को विश्वास था कि भगवान शिव की पूजा और केदारनाथ में शिवलिंग की स्थापना से उन्हें अक्षय पुण्य प्राप्त होगा, जो उनके जीवन की समस्याओं को दूर कर मोक्ष दिलाएगा 

पवित्रता और श्रद्धा का प्रतीक: केदारनाथ का स्थान पवित्र और अत्यंत धार्मिक माना जाता था। पांडवों ने इस स्थल को अपनी श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक मानते हुए भगवान शिव के दर्शन और पूजा के लिए चुना

उत्तरी हिमालय में धार्मिक केंद्र की स्थापना: केदारनाथ मंदिर का निर्माण पांडवों ने उत्तरी हिमालय के एक महत्वपूर्ण स्थल पर किया, जो धार्मिक और आध्यात्मिक केन्द्र के रूप में स्थापित हुआ