शास्त्रों के अनुसार 4 युगो का किया गया हैं वर्णनन सामवेद, ऋग्वेद, यजुर्वेद, अथर्ववेद
जीवन की परिस्थियों से निपटारे के लिए भी मिलती हैं चार ही नीतियां साम, दाम, दंड और भेद
शास्त्रों और धर्म ग्रंथों में चार गुरुओं का वर्णन मिलता हैं गुरु माता, दूसरा पिता, तीसरा गुरु शिष्य, चौथा गुरु जो आध्यात्म सिखाए
यह चार प्रहर हैं सुबह, दोपहर, शाम और रात
व्यक्ति के जीवन में आने वाले पड़ाव भी होते हैं चार ब्रह्मचर्य, दूसरा गृहस्थ, तीसरा वानप्रस्थ और चौथा आश्रम है संन्यास