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उगादि 2024 उत्सव के बारे में जानें ये खास बातें

कई राज्यों में पारंपरिक नव वर्ष मनाया जाता है, जो फसल के मौसम की शुरुआत का प्रतीक है और आशा और समृद्धि का प्रतीक है।

युगादि का परिचय

युगादि इस वर्ष 9 अप्रैल को है, प्रतिपदा तिथि 8 अप्रैल को 23:50 बजे शुरू होगी और 9 अप्रैल को 20:30 बजे समाप्त होगी।

उत्सव की तिथि

भारतीय गणितज्ञ भास्कराचार्य ने युगादि को नए साल की शुरुआत के रूप में पहचाना, जो कठोर सर्दियों से वसंत ऋतु में संक्रमण का प्रतीक है।

ऐतिहासिक महत्व

युगादि वसंत के आगमन और नए साल की शुरुआत का प्रतीक है, जो परिवारों के लिए एक साथ आने और जश्न मनाने का समय है।

युगादि का महत्व

युगादि पारंपरिक अनुष्ठानों जैसे तेल स्नान, नीम के पत्तों का सेवन और घरों के सामने रंगीन झंडे फहराने के साथ मनाया जाता है।

पारंपरिक अनुष्ठान

विभिन्न राज्यों में, युगादि को विभिन्न नामों से मनाया जाता है जैसे तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में उगादि, पश्चिम बंगाल में पोइला बोइशक और महाराष्ट्र में गुड़ी पड़वा।

क्षेत्रीय समारोह

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