कनॉट प्लेस को देखने न केवल भारत बल्कि विदेशी लोग भी यहां की सुंदरता देखने आते हैं।
कनॉट प्लेस व्यापारिक और सांस्कृतिक गतिविधियों का केंद्र माना जाता है।
ऐसे में भला कोई दिल्ली आए और कनॉट प्लेस ना जाए ऐसा हो नही सकता।
कनॉट प्लेस का नाम ब्रिटिश शाही व्यक्ति ड्यूक ऑफ कनॉट और स्ट्रैथर्न के नाम पर रखा गया है।
कनॉट प्लेस को ब्रिटिश सरकार द्वारा 1929 में इसे बसाया गया उस समय कनॉट प्लेस को बनाने में करीब पांच साल का समय लगा था।
कनॉट प्लेस 30 हेक्टेयर में फैला है ये खरीदारों के लिए ड्रीम प्लेस है। कनॉट प्लेस अपनी जॉजियाई शैली की वास्तुकला के लिए भी जाना जाता है।
कनॉट प्लेस में 12 सड़कें बाजार के अंदर और बाहर जाती है। यहां एक और प्रमुख आकर्षण सेंट्रल पार्क है।
कनॉट प्लेस में कई मालिक हैं। संपत्ति के हिसाब से देखें तो भारत सरकार इस जगह की असली मालिक है।
पुरानी दिल्ली किराया नियंत्रण अधिनियम 1958 के तहत कनॉट प्लेस में कई संपत्तियों का महीने का किराया 3500 रुपये से कम है।