10 मार्च, 2024 को हॉलीवुड, लॉस एंजिल्स के डॉल्बी थिएटर में एकेडमी ऑफ मोशन पिक्चर आर्ट्स एंड साइंसेज (एएमपीएएस) द्वारा प्रस्तुत 96वें अकादमी पुरस्कार का आयोजमन किया जाएगा।
इसका औफिशियल नाम अकादमी पुरस्कार ऑफ मेरिट है। इसे दुनिया भर में ऑस्कर अवॉर्ड नाम से जाना जाता है। मार्गरेट हेरिक ने पहली बार पुरस्कार देखते ही कहा कि यह उनके अंकल ऑस्कर जैसा है।
प्रारंभ में, डिज़ाइन में एक शूरवीर को लॉरेल पुष्पांजलि धारण किए दिखाया गया था। बाद में इसे बदल कर फिल्म रील पर तलवार पकड़े एक शूरवीर को चुना गया।
स्टैचु के पास जो तलवार है वह दिल, दिमाग को दर्शाता है, आधार पर फिल्म रील, अपनी पांच तीलियों के साथ, पांच संस्थापक शाखाओं का प्रतिनिधित्व करती है।
ऑस्कर की चमक सोने जैसी है लेकिन यह कांस्य से बना है, इसे 24 कैरेट सोने में सावधानी से चढ़ाया गया है। शिकागो फाउंड्री में कुशल कारीगरों की एक टीम द्वारा बनाया गया ये स्टैचु 13.5 इंच लंबा और 8.5 पाउंड भारी हैं।
अकादमी पुरस्कारों की स्थापना 1920 के दशक की गई थी। इसका उद्देश्य विभिन्न फिल्म निर्माण शाखाओं के बीच सहयोग को बढ़ावा देना। 1929 में पहला समारोह एक निजी रात्रिभोज था।
द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान, धातु की कमी के कारण मूर्तियों को कुछ समय के लिए प्लास्टर से बनाया गया।1953 के समारोह में पहला टेलीविजन प्रसारण हुआ, जिसने ऑस्कर को व्यापक दर्शकों तक पहुंचाया।
1950 से पहले, ऑस्कर विजेताओं को प्रतिमा पर उनके नाम पहले से ही अंकित होते थे, और समारोह के बाद वे इसे घर ले जाते थे। हालाँकि, इस विशेषाधिकार के दुरुपयोग के बाद अधिकारियों ने खाली नेमप्लेट पेश करने का निर्णय लिया।
1980 और 1990 के दशक में ब्लॉकबस्टर फिल्मों का उदय हुआ, जिसने समीक्षकों द्वारा प्रशंसित फिल्मों को चुनौती दी। नामांकन में विविधता की कमी के लिए अकादमी की आलोचना की गई। आधुनिक ऑस्कर लगातार विकसित हो रहे हैं।