राजस्थान के अलवर के महाराजा जय सिंह प्रभाकर लंदन गए और रोल्स रॉयस के शोरूम में साधारण कपड़ों में प्रवेश किया।
साधारण भारतीय समझकर शोरूम के गार्ड ने उन्हें अंदर घुसने से रोक दिया।
अपमान सहने के बाद महाराजा शाही पोशाक में लौटे और 10 रोल्स रॉयस गाड़ियां खरीद लीं।
महाराजा ने इन गाड़ियों को भारत मंगवाया और अलवर में सड़कें साफ करने और कचरा इकट्ठा करने के लिए इस्तेमाल किया।
महाराजा की इस हरकत से रोल्स रॉयस की अंतरराष्ट्रीय छवि को नुकसान पहुंचा।
जब यह खबर रोल्स रॉयस के मालिक तक पहुंची, तो उन्होंने भारत आकर महाराजा से माफी मांगी।
रोल्स रॉयस ने माफी के साथ कचरा ट्रकों को नई गाड़ियों से बदलने की पेशकश की।
महाराजा ने माफी स्वीकार की लेकिन रोल्स रॉयस की नई कारें लेने से इनकार कर दिया।