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हज यात्रा के लिए सऊदी अरब पहुंचा मोस्‍ट वांटेड आतंकी 

सऊदी अरब के पवित्र मक्‍का शहर में इन दिनों हज चल रहा है। दुनियाभर से लाखों की संख्‍या में मुसलमान हज करने के लिए मक्‍का पहुंचे हैं। इस बीच सबसे ज्‍यादा चर्चा हो रही है तालिबानी गृहमंत्री सिराजुद्दीन हक्‍कानी की।

सिराजुद्दीन हक्‍कानी दुनिया के मोस्‍ट वांटेड आतंकियों की लिस्‍ट में शामिल है। अमेरिका ने हक्‍कानी नेटवर्क के सरगना पर 1 करोड़ डॉलर का इनाम घोषित कर रखा है। सिराजुद्दीन पर अमेरिका और भारत के नागरिकों पर हमले कराने का आरोप है।

मक्‍का में काबा के पास सिराजुद्दीन हक्‍कानी के पहुंचने पर वहां कई लोगों ने उसे घेर लिया। आलम यह हो गया कि कई हाज यात्री उसे चूमने लगे और गले लगने लगे। बड़ी संख्‍या में हज यात्रियों ने उसे घेर लिया।

संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद ने सिराजुद्दीन हक्‍कानी को हज करने की छूट दी है। हक्‍कानी के अलावा तीन अन्‍य तालिबानी आतंकियों को भी मक्‍का में हज करने की अनुमति दी गई है। ये सभी तालिबानी सरकार में पद संभाल रहे हैं।

सिराजुद्दीन हक्‍कानी तालिबान शासन आने के बाद पहली बार विदेश यात्रा पर रवाना हुआ है। हक्‍कानी के यात्रा की शुरुआत सबसे पहले यूएई से हुई थी। वहां यूएई के राष्‍ट्रपति ने तालिबानी आतंकियों का जोरदार स्‍वागत किया।

बताया जा रहा है कि हक्‍कानी चीफ की यह पूरी यात्रा अमेरिका के इशारे पर यूएई ने आयोजित की है। अमेरिका को डर है कि तालिबान सरकार ईरान के ज्‍यादा करीब जा रही है। इससे ईरान का प्रभाव अफगानिस्‍तान में बढ़ रहा है।

अफगानिस्‍तान में तालिबान सरकार के बाद अभी तक उसे किसी भी देश ने मान्‍यता नहीं दी है। तालिबान का कभी सबसे करीबी रहा पाकिस्‍तान भी अब उससे कन्‍नी काट रहा है। तालिबान और पाकिस्‍तान में बहुत तनावपूर्ण हालात है।

विश्‍लेषकों का कहना है कि तालिबान चाल चल रहा है ताकि मान्‍यता मिले बिना ही दुनियाभर के देशों के साथ उसकी दोस्‍ती बढ़ सके। वहीं सोशल मीडिया पर इस यात्रा की कड़ी आलोचना हो रही है। वह भी तब जब हक्‍कानी एक हत्‍यारा है।

दुनियाभर से मांग हो रही है कि तालिबान महिलाओं को अधिकार दे और उन्‍हें पढ़ाई का अधिकार दे। वहीं तालिबानी अब महिलाओं को पर्दे में रहने के लिए मजबूर कर रहे हैं। विरोध करने वालों पर कोड़े बरसाए जा रहे हैं।

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