मुगलों के साथ राजपूत रानियों के विवाह के बाद, शाही खान-पान में कई नए राजस्थानी व्यंजन शामिल हुए, जिससे मुगलों के आहार में विविधता आई।
अकबर की पत्नी, राजपूत रानी जोधाबाई, शाही दरबार के भोजन में शाकाहारी व्यंजन जोड़ने के लिए प्रसिद्ध थीं। वे अकबर के लिए खुद खाना बनाती थीं, जिसमें पंचमेल दाल प्रमुख थी।
अकबर को जोधाबाई की बनाई पंचमेल दाल बहुत पसंद थी। यह व्यंजन मुगलों के खान-पान में इतनी लोकप्रिय हुई कि बाद में यह शाही दरबार के भोजन का हिस्सा बन गई।
जोधाबाई ने मुगलों के शाही भोजन में कई राजस्थानी पकवान जोड़े। दाल बाटी, चूरमा, राजस्थानी कढ़ी, और मोतीचूर के लड्डू जैसे व्यंजन मुगलों के खाने का हिस्सा बने।
मुगलों के खाने-पीने की चीजें जैसे बिरयानी, पुलाव और फिरनी पूरे भारत में लोकप्रिय हो गईं, और इनका प्रसार हर घर तक पहुंच गया।
मुगलों और राजपूतों के बीच हुए वैवाहिक संबंधों ने न केवल भोजन में बदलाव लाया, बल्कि सामाजिक जीवन में भी कई महत्वपूर्ण परिवर्तन किए।