मुगल काल के जितने किस्से मशहूर है उतना ही मशहूर है इस काल की शहज़ादियों की खूबसूरती का फ़साना।
मुग़ल काल के दौरान ऐसी कई शहजादियां थी जिन्होंने अपनी पूरी जिंदगी बिता दी लेकिन शादी नहीं की और जनता की सेवा में अपना जीवन निकाल दिया।
इनमें एक सुनहरा नाम शाहजहां की बेटी जहांआरा बेगम का भी याद किया जाता है, जो ताउम्र कुंवारी रहीं और जनता की सेवा में अपनी जिंदगी काटी, लेकिन इसके पीछे भी कई तर्क दिए जाते हैं जो आपके कानो से आजतक दूर है।
मुगल काल के दौरान राज में शहजादियों के आसपास बेहद ही सख्त पहरा रहा करता था, ताकि कोई गैर मर्द आसपास उन तक न पहुंच न सके।
इतिहासकारों की मानें तो शहजादियों के कमरों के आसपास 3 लेयर में सुरक्षा रखी जाती थी जो इतनी कड़ी होती थी कि उसे लांघ पाना तक मुश्किल था।
तो वही महिलाओं के हरम के बाहरी लेयर की सुरक्षा आम सैनिकों के अंतर्गत आती थी अंदर की सुरक्षा का काम सिर्फ हिजड़ों को सौंपा गया था।
कहा जाता है जहांआरा सबसे खूबसूरत मुगल शहजादी में से एक थी, और इसलिए शाहजहां को उनकी सबसे ज्यादा फिक्र रहा करती थी।
लेकिन एक बार जहांआरा को महल में रहने वाले एक शख्स से मोहब्बत हो गई थी। जिसे उनके भाई दारा शिकोह की देखभाल के लिए रखा हुआ था।
लेकिन तमाम कड़े पहरों के बावजूद भी वह शख्स जब एक दिन जहांआरा से मिलने पहुंचा तो बादशाह को इसकी भनक लग गई।
जिसके बाद बादशाह ने उसे मौत के घाट उतार डाला, इसके बाद जहांआरा ने जिंदगी भर निकाह नहीं किया और कुंवारी ही अपनी जिंदगी निकाल दी।