प्रयागराज संगम का नजारा इन दिनों देखने वाला है।अब महाकुंभ मे देर नही जब संगम तट पर बड़े-बड़े तंबू,जटाएं लहराते हुए साधु-संत और नागा साधुओं की भीड़ भी देखने को मिलेगी।
आपको बता दे 13 जनवरी 2025 से महाकुंभ शुरू होने जा रहा है।
अक्सर आपने महाकुंभ में देखा होगा कि हर साल लाखों की संख्या में नागा साधु वहां आते हैं।
और फिर अचानक से गायब हो जाते हैं,आखिर ऐसा क्यों? आइए आपको बताते है।
ज्योतिषियों की माने तो नागा साधुओं का जीवन रहस्य से भरा हुआ होता है। वे कहां रहते हैं और कहां जाते हैं, इसके बारे आज तक कोई सही से जान नही पाया है।
परंतु ऐसा बोला जाता है कि वे उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और गुजरात से जूनागढ़ की गुफाओं या पहाड़ियों और हिमालय और हरिद्वार की गुफाओं से आते हैं।
इनमें से कई कपड़े पहनकर और कुछ नग्न अवस्था में गुप्त स्थानों पर रहकर तपस्या करते हैं।
आपको बता दे कि नागा संन्यासी अपनी पहचान छिपा के रखते हैं।और फिर ये अर्ध कुंभ या कुंभ के अवसर पर अचानक से आ जाते हैं।