रिद्धि सिद्धि परवान करें तू। दया करें धनवान करें तू॥ सोमवार को शिव संग प्यारी। आरती जिसने तेरी उतारी॥
श्रद्धा भाव से मन्त्र जपायें। प्रेम सहित फिर शीश झुकायें॥ जय गिरराज किशोरी अम्बे। शिव मुख चन्द्र चकोरी अम्बे॥