नस खींचकर बना दिया जाता है नपुंसक, आसान नहीं होती नागा साधुओं की ट्रेनिंग
महाकुंभ 2025 में अखाड़ों में दिखने वाले नागा साधु सामान्य साधु से भी कहीं ज्यादा होते हैं।
आपको बता दे कि,नागा साधु नागा साधु बनने के लिए एक कठोर प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है, जो शारीरिक, मानसिक और आत्मिक दृष्टिकोण से बहुत ही चुनौतीपूर्ण होती है।
बता दे कि,नागा साधु नागा साधु बनने के लिए एक कठोर प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है, जो शारीरिक, मानसिक और आत्मिक दृष्टिकोण से बहुत ही चुनौतीपूर्ण होती है।
नागा साधु बनने के तीन मुख्य चरण होते हैं। जैसे-व्यक्ति को कठिन साधना, शारीरिक परीक्षण और भौतिक सुखों से दूर रहने की परीक्षा देनी होती है।
पहले चरण में उम्मीदवार को शिव, विष्णु, शक्ति, सूर्य और गणेश को गुरु मानकर उसे भगवा वस्त्र, रुद्राक्ष और अन्य धार्मिक आभूषण दिए जाते हैं।
दूसरा चरण जिसे अवधूत भी कहा जाता है, उसमें महापुरुष को पुराने कपड़े त्यागने और नदी में स्नान करने का आदेश दिया जाता है।
तीसरे और अंतिम चरण में, जिसे दिगंबर कहा जाता है। इसमे महापुरुष को 24 घंटे उपवास रखने के बाद उसकी जननांग की नस खींची जाती है।
जिससे कारण वे लोग नपुंसक हो जाता है और इस प्रक्रिया के बाद उसे शाही स्नान के दौरान नागा साधु के रूप में प्रतिष्ठित किया जाता है।