लोग रोजाना स्नान करने के बाद पूजा-पाठ करते हैं। इस दौरान देवी-देवता के सामने उनकी पसंदीदा चीजों को अर्पित किया जाता है।
पूजा-पाठ के दौरान भगवान को भोग लगाते है। ऐसा करने से देवी-देवता प्रसन्न होकर भक्त पर कृपा बरसाते है।
भगवान के सामने भोग को ज्यादा समय तक नहीं रखना चाहिए। उसको 5 मिनट के लिए भगवान के पास रखना चाहिए।
5 मिनट के बाद भगवान के पास से प्रसाद को हटा लेना चाहिए। ज्यादा देर तक प्रसाद रखने से उसमें नकारात्मक ऊर्जा आती है।
भोग के बाद प्रसाद को लोगों को बीच वितरित करना चाहिए। ऐसा करने से शुभ फल मिलता है।
भगवान को लगाए भोग को हमेशा सोने, चांदी, तांबे, लड़की या फिर मिट्टी से बने पत्र में रखना चाहिए। इन बर्तनों में भोग अर्पित करना शुभ माना जाता है।
भोग लगाते समय ‘त्वदीयं वस्तु गोविन्द तुभ्यमेव समर्पये। गृहाण सम्मुखो भूत्वा प्रसीद परमेश्वर’ मंत्र का जाप करना चाहिए।
मंत्र का जाप करने से कारोबार में तरक्की होती है और परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है।