जानें कैसे पड़ा हवा महल का नाम

जयपुर का हवा महल शहर के सबसे महत्वपूर्ण पर्यटक स्थल में गिना जाता है. हवा महल का नाम है- हवाओं का महल.5 मंजिल वाली ये इमारत मधुमक्खी के छत्ते की तरह दिखाई देती है.

हवा महल में कई सारी खिड़कियां और झरोखे बने हुए हैं. यही वजह है कि इसके अंदर हमेशा हवा चलती रहती है. इसी के चलते इस इमारत का नाम हवा महल कर दिया गया.

हवा महल बनवाने का मकसद शाही परिवार और दरबार की महिलाओं को दूसरों की नजरों से बचाकर जौहरी बाजार की चहल-पहल को देखने की अनुमति देना था.

 कहा जाता है कि शाही घराने की महिलाएं महल में मौजूद छोटी -छोटी खिड़कियों और झरोखों की मदद से सड़क पर होने वाली हलचल को देख पाती थीं.

आपको जानकर हैरानी होगी कि इतनी बड़ी इमारत किसी नींव पर नहीं खड़ी है. हवा महल में घुमावदार वास्तुकला है, जो 87 डिग्री के कोण पर झुकती है.

ये एक पिरामिड के आकार का है. इसी की वजह से ये इमारत बिना किसी नींव के सदियों से खड़ी है.