A view of the sea

इस घाटी में जाकर कभी दुनिया में वापस नहीं आते लोग

इस धरती पर कई ऐसे रहस्य मौजूद हैं, जिनकी गुत्थी आज तक कोई नहीं सुलझा पाया।

एक ऐसी घाटी को आज तक कोई भी नहीं ढूंढ पाया। अब आप कहेंगे कि जब कोई नहीं ढूंढ पाया तो हमें इसके बारे में कैसे पता है। 

यह घाटी अरुणाचल प्रदेश और तिब्बत के बीच में कहीं पर मौजूद हैं। इस जगह को 'शांगरी-ला घाटी' कहा जाता है। इसकी गिनती वायुमंडल के चौथे आयाम यानी समय से प्रभावित जगहों में होती है। 

इस घाटी को बरमूडा ट्राएंगल की तरह ही दुनिया की सबसे रहस्यपूर्ण जगह माना जाता है। 

बरमूडा ट्राएंगल नार्थ अटलांटिक महासागर का वो हिस्सा है, जहां से गुजरने वाले पानी के जहाज और हवाई जहाज गायब हो जाते हैं। 

वहीं, 'शांगरी-ला घाटी' के लिए कहा जाता है कि इसका सीधा संबंध दूसरे दुनिया से है। 

असमिया साहित्यकार अरुण शर्मा की किताब 'तिब्बत की वह रहस्यमय घाटी' में इसका जिक्र मिलता है। लेखक के मुताबिक एक लामा ने उन्हें बताया कि शांगरी-ला घाटी में काल का प्रभाव नगण्य है। 

इस घाटी का जिक्र तिब्बती भाषा में लिखी किताब 'काल विज्ञान' में मिलता है। तिब्बती विद्वान युत्सुंग का कहना है कि वह खुद इस रहस्यमय घाटी में जा चुके हैं। 

उनके मुताबिक वहां न तो सूर्य का प्रकाश था और न ही चंद्रमा, लेकिन फिर भी चारों तरफ एक रहस्यमय प्रकाश फैला रहता है। 

हिंदू धर्म ग्रंथों महाभारत से लेकर वाल्मिकी रामायण और वेदों में भी इस का जक्र हुआ है। 

चीनी फौज ने भी इस रहस्यमयी घाटी को बहुत खोजने के प्रयास किए, लेकिन सफलता नहीं मिली। 

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