A view of the sea

प्रेमानंद महाराज ने सपने में मरे हुए संबंधी आने का समझाया अर्थ

एक भक्त ने प्रेमानंद महाराज जी से पूछा कि मेरे सपने में मेरे मरे हुए सगे-संबंधी आते हैं, तो इसका क्या मतलब हुआ?

सवाल इस सवाल का जवाब देते हुए महाराज जी ने कहा कि सपने तीन प्रकार के होते हैं। पहला वो सपना जिनसे हमारा मानसिक संबंध रहा है।

जवाब वो कहते हैं कि बिना किसी कारण के वो कल्पनात्मक उनके दृश्यों का स्थिर करना। एक होता है जिनका कोई अस्तित्व नहीं है, ऐसा स्वप्न आना।

कल्पनात्मक महाराज जी कहते हैं कि एक होता है भागवतिक स्वप्न। किसी महापुरुष का आगमन होना। ये सत्य के अंतर्गत आता है।

भागवतिक स्वप्न महाराज ने आगे कहा कि ये मन बहुत से संस्कारों से और संबंधियों से जुड़ा है। आप देखें कि कितने स्वप्न आते हैं जिनका कोई मतलब नहीं होता है।

संस्कार उन्होंने कहा कि ऐसे ही ये परिवार के सगे संबंधियों का आता है उससे सुख और दुख से कोई लेना देना नहीं है।

सुख-दुख हां ये हैं कि जीवित अवस्था में उनके कर्तव्य का उनके साथ पालन किया कि नहीं। अगर किया तो धन्य है और अगर नहीं किया तो अब कर लेना चाहिए।

कर्तव्य का पालन उनके प्रति नाम-जप करना, उनके प्रति दान पुण्य करके उनको प्रदान करना। जैसे- पिता हैं या पितामह हैं।

दान पुण्य महाराज जी ने आगे कहा कि हम यहां से जो भी दान पुण्य करेंगे, जो भी अनुष्ठान कराएंगे वो ट्रांसफर हो जाएगा। ऐसा विधान है।

विधान इसलिए परिवार में चाहा जाता है कि कोई हमारा हो जो कम से कम हमें दान कर सके, पानी दान कर सके, अन्य दान कर सके।

ये भी देखें